“सरकार ग्रामीण क्षेत्र में पानी की कमी ना हो इसके लिए जल जीवन मिशन योजना (Jal Jeevan Mission Yojana) के तहत गांव-गांव में पानी की टंकियां बनवा रही है. इससे गांव में रहने वाले लोगों को शुद्ध पीने को पानी मिलेगा और कोई बीमारी नहीं होगी. जल जीवन मिशन योजना के तहत हर गांव में पानी की टंकी बनाई जा रही है. कुछ गांव में तो पानी की टंकी बनकर तैयार हो गई हैं और ग्रामीणवासी पानी की टंकी के पानी का सेवन कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) में भी जल जीवन योजना के तहत बरेली जनपद के 1405 गांव में पानी की टंकी का काम लगातार चल रहा है. और गांव में पाइपलाइन बिछाई जा रही हैं.
लेकिन कुछ गांव ऐसे भी हैं जो आपसी विवाद के कारण ग्रामीणवासी जल जीवन योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे ।
मामला यूपी के बदायूं जिले के ग्राम पंचायत चंदपुरा का हैं, जहा आपसी विवाद के चलते बोरिंग का काम को रुकवा दिया गया , और बोरिंग के समय हुए गड्ढे को भी भरने नहीं दिया गया । जब इस बात की सूचना up jal Nigam के अधिकारी को ज्ञापन हुआ , तो वो तुरंत मौके पर पहुंचे और समस्त गांव वाले से अनुरोध किया की गड्ढे को भर दिया जाए । आप लोगो भी जानकारी होगी की आए दिन बोरवेल के गड्ढे में छोटे बच्चे या जानवर गिर जाते हैं।
इस वीडियो में जोह घटना हुई हैं ,वैसे ना हो इसलिए up jal Nigam ke जूनियर इंजीनियर सचिन ने गांव वालो को समझाने की कोशिश की और मीडिया कर्मियों को भी सारी चीजों से अवगत कराया , और कुछ अनहोनी न हो जाए इसलिए उन्होंने लोकल पुलिस की भी मददत मांगी लेकिन गांव वाले का विरोध चकता रहा , सचिन गौतम जी ने गांव वाले को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो राजी होने को त्यार न हुए ।
गांव की आबादी के अनुसार हर गांव में होगा टंकी का निर्माण
जल जीवन मिशन योजना के तहत हर गांव की आबादी के अनुसार गांव में पानी की टंकी का निर्माण कराया जाएगा और गांव में रहने वाले लोगों के लिए शुद्ध पानी मिलेगा. जिससे कि कोई बीमारी नहीं होगी. बताते चलें गांव में अलग-अलग क्षमता की टंकी लगेंगी और इन टंकियों की लागत भी अलग अलग होगी. गांव में टंकी लगाने के लिए गांव के प्रधान और पंचायत सचिव जमीन की तलाश कर रहे हैं. बरेली जनपद के 1405 गांव में अलग-अलग चिंता की पानी की टंकी लगाकर पाइप लाइन बिछाई जा रही है. और जल्द ही 1405 गांव में टंकी बनकर तैयार हो जाएंगे इन टंकी से गांव में रहने वाले लोगों को शुद्ध पानी मिल सकेगा. अभी तक गांव में शुद्ध पानी नहीं मिल पाता है.
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